पुण्य कमाना बेहद ही आसान होता है, किसी की मदद करके, प्यासे को पानी पिलाकर, भूखे को भोजन देकर पुण्य कमाया जा सकता है | हमारे धर्म शास्त्रों में पुण्य प्राप्ति और उससे भगवन को प्रसन्न करने के कई तरीको के बारे में बताया गया है | इसके साथ ही हमारे धर्म शास्त्रों में ऐसे कार्यो के बारे में भी बताया गया है, जिनके मात्र एक बार करने से मनुष्य के सारे पुण्य कर्म खत्म हो जाते है और मनुष्य पाप का भागी बन जाता है | आज हम आपको इन्ही के बारे में जानकारी देने जा रहे है |
गाय
हमारे पुराणों और शास्त्रों में गाय को सबसे पवित्र माना गया है | गाय को माता की उपाधि दी गयी है, इतना ही नहीं गाय में सभी देवी देवताओ का वास भी बताया जाता है | पुराणों में बताया गया है कि कभी भूलकर भी गाय ना करे, क्योंकि इससे मनुष्य ऐसे पाप का भागी बनता है | जो कभी नहीं उतरता, बताया जाता है कि ये पाप चारो धामों की यात्रा और पवित्र नदियों में स्नान किसी भी प्रकार से नहीं उतरता |
तुलसी का पौधा
तुलसी के पौधे को बेहद ही पवित्र माना गया है | ये घर में हो तो घर में सकारात्मकता और शुभता बनी रहती है | इतना ही नहीं भगवान विष्णु का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है | शास्त्रों में बताया गया है की इस पौधे का अपमान करना अर्थात बेवजह पत्ते तोडना, पैर अड़ाना जैसी हरकते करना घोर पाप का भागी बनता है | इसीलिए भूलकर भी तुलसी का अपमान ना करे |
गंगा जल
गंगा का हिन्दू धर्म में जो महत्व है, वे सभी जानते है | गंगा को पाप नाशिनी कहा जाता है, इसमें स्नान मात्रा से व्यक्ति के पाप धुल जाते है | लेकिन इसका अपमान करने से मनुष्य ऐसे पाप का भागी बनता है, जो वह चाहकर भी नहीं उतार सकता है | इसीलिए गंगाजल का हमेशा अच्छे कार्यो में ही इस्तेमाल करे और इस्तेमाल से पहले नमन अवश्य करे |